गम से डाले हैं फेरे दिलवर की तरह
खुशियां छूटी हैं, हमसे पीहर की तरह
देखा परखा सभी ने अपनी अपनी नजर
बजते रहते हैं, हम महुअर की तरह।
-२-
चाहो तो तुम देश की तहरीर बदल दो
चाहो तो तुम देश की तस्वीर बदल दो।
नारी! शक्ति हो संसार की भूलो न कभी ये
चाहो तो तुम देश की तकदीर बदल दो॥