Tuesday, January 13, 2009

बगिया के माली भी तुम


जीवन का अज्ञान- भी तुम

हर ज्ञानी ज्ञान भी तुम

एक किरण देकर अपनी

करते तम् का नाश भी तुम।

जीवन की बगिया हो तुम

बगिया के माली भी तुम

पावन जल से कर सिंचित

खूब बढाते रहते तुम।

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